मै सुखी था अपने ही आप मै,
कुछ मदहोशी तो थी बाग मै.
शेरो मै क्यु जहा बसा लीया?
खुद मै तुमको समा लीया.
Though Manan Bhatt cant be explain..................but here are some efforts to explain.
बोजा कोइ ले कर चला हुं,
मैतो ग्य़ानी बन चला हुं.
बडा होने की जल्दबाजी मै,
हा नंगे पेरो पर चला हुं.
वैसे तो दरिया हुं जरा सा,
खुद मै नाला भर चला हुं.
औरो को ये राह दिखाने मै.
ठीकाना खुद भूल चला हुं.
है नकद मेरे निभाने को,
और सबसे उधार कर चला हुं