15 April 2013

हर मोड पर शायर होना आसान नही है, 
पत्तो को बहेते देखना आसन नही है.

इत्तफाक नही ये तो बदलता मुक्कदर है,
आते हुए साहिल को निभाना आसान नही है.

पत्तो का घर,चाहो तो महल बना लो,
कीनारे महफुझ रखना आसान नही है.

हर रोज़ चाहे तुम मन्दीर भी आ जाओ.
बस खुदा के नाम पर रहना आसान नही है.

हर लहर कश्ति को डुबाना जानती है बहेतर,
फीर भी तिनके को डुबाना आसान नही है.

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